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गाजियाबाद की पेवे आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों ने लोगों को चेन सिस्टम में जोड़ा था। एक बार कंपनी से जुड़ने वाले व्यक्ति को दो और लोगों को जोड़ने पर चार हजार रुपये और एलईडी गिफ्ट में देने का झांसा भी दिया जाता था।
लालच में आकर एक के बाद एक लोग जुड़ते गए। उधर, पुलिस जेल भेजे गए कंपनी के डायरेक्टर वरुण गुप्ता और सहयोगी अमित सक्सेना ने रकम जमा करने के लिए कई खाते खोले थे। मगर, पुलिस अब तक उनसे बैंक खातों की जानकारी नहीं ले सकी है।
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पेवे आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर और सहयोगी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने हजारों लोगों से एक हजार करोड़ की ठगी की।
इससे लोग दूसरों को भी जोड़ने लगे। इससे एक के बाद एक लोगों की चेन बनती गई। बड़ी संख्या में लोग प्लान भी 1.15 लाख रुपये वाला ही लेते थे। इसके अलावा इससे कम कीमत की आईडी वाले पर भी हर दिन का टारगेट पूरा करने पर बोनस दिया जाता था।
कंपनी के खातों में लोगों की रकम जमा करने के बाद डायरेक्टरों ने कई बैकों के खाते में रकम जमा करके निकाल ली थी। पूर्व में पुलिस ने नाभा, पंजाब की कार्पोरेशन बैंक के पूर्व मैनेजर रोहित और ई मित्र गुरजंट को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया था कि बैंक में खुले किसानों के खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी। जब किसानों ने खाते में रकम आने की बात कही तो उनसे कहा गया कि ब्याज मिलेगी। बाद में उनके खातों से रकम निकाल ली गई थी। इस पर ही पुलिस ने मैनेजर की गिरफ्तारी की थी।