चिदंबरम ने दी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती, बोले आरोपों के आधार पर नहीं छीन सकते आजादी
चिदंबरम ने दी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती, बोले आरोपों के आधार पर नहीं छीन सकते आजादी

 


TOC NEWS @ www.tocnews.org


खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036


नई दिल्ली. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुये बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ 'पहली नजर में ठोस' मामला बनता है।


न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सीबीआई की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उसके पास इस बात की पुख्ता सामग्री है कि चिदंबरम ने किस तरह गवाहों को प्रभावित करने के प्रयास किये। मेहता ने पीठ से कहा कि पहले भी चिदंबरम ने इस मामले में गवाहों पर दबाव डालने और उन्हें प्रभावित करने के प्रयास किये थे।


इसे भी पढ़ें :- मान्यता दत्त की फिल्म 'बाबा' पहुंची गोल्डन ग्लोब्स, निर्माता ने अपनी खुशी की ज़ाहिर!


अपमानित करने के लिए जेल में रख रही है CBI- चिदंबरम


शीर्ष अदालत से जमानत का अनुरोध करते हुये चिदंबरम ने कहा है कि सीबीआई उन्हें 'अपमानित करने' के लिये ही जेल में रखना चाहती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री 74 वर्षीय चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वह इस समय भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।


चिदंबरम संप्रग सरकार के 2004 से 2014 के कार्यकाल के दौरान वित्त मंत्री और गृह मंत्री थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रुपये के निवेश की विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं के संबंध में 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी।


इसे भी पढ़ें :- मां करती थी संस्कारी रोल, बेटी ने फिल्मों मे आते ही किसिंग सीन देना शुरू कर दिया


आरोपों के आधार पर नहीं छीन सकते किसी की स्वतंत्रता


इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 में ही धनशोधन का मामला दर्ज किया था। चिदंबरम ने इस मामले में उन्हें जमानत देने से इंकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को चुनौती दे रखी है। चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें लगातार जेल में बंद रखना 'सजा के रूप' में है और अज्ञात तथा अपुष्ट आरोपों के आधार पर किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है


इसे भी पढ़ें :- रिलायंस पावर प्लांट के विस्थापित भाइयो को मिला सांसद रीती पाठक जी का समर्थन, वीडियो में कह दी यह बड़ी बात देखें


Popular posts
दैनिक वांटेड टाइम्स के संपादक संदीप मानकर को खबर प्रकाशन के मामले के प्रकरण में भोपाल से गिरफ्तार कर हरियाणा पुलिस ले गई
Image
उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, जाने क्या है पूरा सच
Image
फर्जी पुलिस बन नौकरीपेशा महिलाओं से शादी का झांसा देने वाला आरोपी गिरफतार
Image
विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज
Image
आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा
Image