सनसनीखेज नितेश हत्याकांड का पुलिस ने किया नाट्य रुपांतरण, यह रही हत्या की वजह वीडियो
सनसनीखेज नितेश हत्याकांड का पुलिस ने किया नाट्य रुपांतरण, यह रही हत्या की वजह वीडियो 

 


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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567


नागदा। रात 9.43 बजे जैसे ही नितेश तीन सिगरेट लेकर क्लिनिक पहुंचने लगा, उससे पहले ही राजेश ने एमसीबी का स्विच गिराकर लाइट बंद कर दी, नितेश ने सोचा कि शायद लाइट चली गई होगी तो उसने राजेश और जगदीश से पूछा भी नहीं। फिर नितेश ने काउंटर पर घर से मंगाए दूध की थैली फाइल पर रखी दी। फिर तीनों  पहली मंजिल के हॉल में पहुंचे। 


यहां अलमारी के पास रखे सोफे पर दाहिनी साइड पर राजेश, बीच में नितेश और बांही तरफ जगदीश बैठा...तीनों ने पहले तो सिगरेट पी....ओर मौके की तलाश मे घटना को अंजाम देने का इतजार करते हुवे सिगरेट खत्म होने के बाद राजेश और जगदीश ने गमछे का एक-एक सिरा पकड़कर नितेश का गला घोंटकर हत्या कर दी....पहले से ही ला कर रखे हुवे जूट का बोरा जो सीढ़ीयों के नीचे छुपाकर रखा गया था, उसमें नितेश का शव भर दिया उसके बाद मोबाइल की यूएसबी काॅर्ड से बोरे का मुंह बांध दिया।


ओर उसे खा फेकना है प्लान कर के फिर दाेनों सीढ़ीयों से उसे उतारकर निचे के तल पर लाये और पीछे के दरवाजे की ओर बोरे मे रखे नितेश के शव को ले गए। राजेश और जगदीश ने अपने पास रखी चाबी से पीछे के दरवाजे का ताला खोला। फिर जगदीश काले रंग की होंडा शाइन बाइक लेकर पिछली गली में पहुंचा....दोनों ने पहले बोरे में बंधे शव को बाइक पर रखा, फिर जगदीश ने बाइक चलाई और राजेश शव लेकर पीछे बैठ गया।


ओर यह तसल्ली करने के बाद की रात के अन्धेरे मे उन्हे कोई देख तो नही रहा। दाेनों पतली गली से मोटरसाइकिल स्टार्ट कर के निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंचे और बायपास से होते हुवे अटल निसर्ग उद्यान के पास ही ब्रिज के पास बोरे मे बंधी नितेश की लास को फेंक दिया।


 


यह सब रविवार की दोपहर दोनों आरोपियों ने आस्था क्लिनिक (वारदात स्थल) पर नाट्य रुपांतरण के रुप में बताया।



इस दौरान मृतक नितेश की मां प्रेमलता, पिता गोविंद करीबीयों के साथ क्लिनिक पहुंचे। मां प्रेमलता ने पुलिस से कहा मेरे इकलौते बेटे को इन्होंने मार दिया....मुझे इन्हें चप्पल मारने दो, लेकिन पुलिस ने महिला को आरोपियों के नजदीक नहीं जाने देते हुए समझाकर रवाना कर दिया। मौके पर लोगों की भीड़ देख पुिलस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में पहले थाने पहुंचा। फिर दोबारा थाना प्रभारी श्याम चंद्र शर्मा ने टीम के साथ मौके पर क्राइम सीन का माप लिया।


हत्या करने के बाद अंतिम यात्रा में शामिल हुआ था राजेश


राजेश शातिर दिमाग का हैं, उसने एक पल के लिए भी किसी को महसूस नहीं होने दिया कि उसी ने नितेश की हत्या की। नितेश के करीबीयों से भी चर्चा में पता चला कि हत्या करने के बाद राजेश सामान्य जीवन जी रहा था। नितेश की गुमशुदमी पर उसने पिता गोविंद की भी ढूंढने में मदद की, यहां तक कि राजेश उसकी अंतिम यात्रा में भी शामिल हुआ। बाद में पिता का भरोसा जीतने की भी कोशिश की। जिससे राजेश पर किसी को शक नहीं हुआ। जबकि जगदीश सहमा हुआ था, वह ना तो मौके पर गया और ना ही अंत्येष्टी में। वह घर पर सो रहा था। क्योंकि उसे डर था कि हत्या का यह पाप करने के बाद उसे कहीं नितेश की आत्मा सताएं नहीं। 


जगदीश के डर से मिली जीत: गलती हो गई साहब.... बोलते ही हो गया *खुलासा*


जगदीश के डर से ही हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस को जीत मिली। सबकुछ प्लान के मुताबिक होने पर पुलिस की 4-4 लोगों की टीम ने राजेश और जगदीश को उनके घर से एक साथ उठाया। पहले राजेश से पूछताछ करने पर वह पुलिस को गुमराह करता रहा, पुलिस ने उसे ले जाकर बैठा दिया। फिर जगदीश को बुलाया उससे पुलिस ने दूध की थैली को आधार मानकर पूछा तो सबसे पहला शब्द यही कहा- *गलती हो गई साहब*, उसने कहा मेरा एक बच्चा हैं मुझे बचा लो.... फिर राजेश से सख्ती से पूछताछ की तो उसने भी जुर्म कबूल लिया।


दाे लोगों ने हत्या की ये बात पिता अब भी मानने को तैयार नहीं


राजेश और जगदीश ने ही नितेश की हत्या की हैं, ये बात पिता गोविंद अब भी मानने को तैयार नहीं। मामला खुलने के बाद पुिलस ने नितेश की मां प्रेमलता और पिता गोविंद को बुलाकर आरोपियों से उनका आमना-सामना कराया। आरोपियों ने उनके सामने अपना जुर्म कबूला, पुलिस ने भी सीसीटीवी फुटेज सहित राजेश और जगदीश द्वारा की गई हत्या के सारे सबूत उन्हें दिखाएं। बावजूद पिता गोविंद पुलिस से ये कहते रहे कि ये दोनों नितेश की हत्या नहीं कर सकते और भी कुछ लोग है जो इस हत्याकांड में शामिल है।