विंध्य महोत्सव भोपाल में मध्य प्रदेश से अलग होकर विंध्य प्रदेश बनाने की मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने उठाई मांग, क्या कहा सुने पूरा वीडियो |
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भोपाल से विनोद मिश्रा की रिपोर्ट
भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र में कमलनाथ सरकार का समर्थन कर सुर्खियों में आए मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने अब अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाई है। वहीं विंध्य अंचल के ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने इस मांग पर अपनी आपत्ति और नाराजगी जताई है।
छह दशक से उठ रही मांग
पिछले छह दशक से मप्र में पृथक विंध्य राज्य की मांग उठ रही है। दो साल पहले भोपाल में संपन्ना हुए विंध्योत्सव कार्यक्रम में भी इस आशय की मांग उठाई गई थी। नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ, तब यह मांग सामने आई थी। मप्र विधानसभा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्व. श्रीनिवास तिवारी भी इस मांग के समर्थक थे। उन्होंने इस मुद्दे पर विधानसभा में राजनीतिक प्रस्ताव भी रखा था। उन्होंने उप्र व मप्र के बघेलखंड व बुंदेलखंड को मिलाकर नया राज्य बनाने की मांग उठाई थी।
केंद्र को भेजा जा चुका प्रस्ताव
विंध्य से सांसद-विधायक रहे स्व. सुंदरलाल तिवारी ने भी सरकार को पत्र लिखकर यह मांग बुलंद की थी। मार्च 2000 में मप्र विधानसभा ने पृथक विंध्य प्रदेश बनाने का संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया था। केंद्र सरकार ने जुलाई 2000 में छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तरांचल के गठन को हरी झंडी दे दी, लेकिन विंध्य का प्रस्ताव छूट गया था।