कमलनाथ सरकार कैबिनेट में मैहर, नागदा और चाचौड़ा को जिले का दर्जा देने पर लगी मोहर
कमलनाथ सरकार कैबिनेट में मैहर, नागदा और चाचौड़ा को जिले का दर्जा देने पर लगी मोहर

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भोपाल। आज बुधवार को कैबिनेट की बैठक में विंध्य और खास तौर पर सतना की राजनीति से जुड़े मैहर को जिला घोषित करने के अहम फैसले पर भी मुहर लगा दी गई है। इसके अलावा नागदा और चाचौड़ा को भी जिले का दर्जा देने को मंजूरी दे दी गई है। इन तीन नए जिलों के गठन को विधायकों को खुश कर अपनी सरकार बचाने की कमलनाथ की ऐसी कोशिश माना जा रहा है जिसके लिए जनमत संग्रह का सहारा भी नही लिया गया है।


सूत्रों  की मानें तो बुधवार को कमलनाथ कैबिनेट माता शारदा की विश्व प्रसिद्ध नगरी मैहर को जिला घोषित करने पर मंजूरी दे दी। सीएम कमलनाथ ने इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर जरूरी जानकारियां ली थीं। हालांकि मैहर को जिला बनाने के लिए आवश्यक होम वर्क पहले नही किया गया था लिहाजा तकनीकी दिक्कतों का जिक्र भी सीएम के सामने आया था। लेकिन मध्य प्रदेश के मौजूदा राजनैतिक माहौल में सरकार की डांवाडोल स्थिति को संभालने के लिहाज से नाथ कैबिनेट इसे मंजूरी दे दी गई। इसी तरह नागदा और चाचौड़ा को भी जिला घोषित करने पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।


भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी मैहर को जिला घोषित करने की मांग उठाते रहे है । मौजूदा सियासी संकट के बीच खुलकर नाथ सरकार का समर्थन करने और देर रात भी कई बार मैहर के विकास पर चर्चा करने नारायण के सीएम हाउस पहुंचने के बाद अब मैहर को जिला घोषित से नारायण की कांग्रेस में वापसी लगभग पक्की हो गई है। हालांकि नारायण ने खुद ऐसा कुछ खुलकर नही कहा है लेकिन पहले ही इशारे जरूर किये हैं।


सरकार बचाने के लिए गए नाथ कैबिनेट के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान सतना को उठाना पड़ेगा जबकि असर कटनी पर भी पड़ेगा। महज 40 किमी के फासले पर तीन जिले होने से राजस्व ,वन ,खनिज संपदा और आमदनी पर भी बड़ा असर पड़ेगा। जानकारों की मानें तो किसी भी नए जिले का गठन करने के पूर्व आवश्यक होम वर्क किया जाता है ताकि विभाजन से प्रभावित हो रहे जिले की स्थितियों और प्रस्तावित जिले की राजनैतिक ,प्रशासनिक और राजस्व सम्बन्धी आवश्यकताओं के अध्ययन किया जा सके। मैहर की मांग उठती रही है लेकिन इस पर होम वर्क नही किया गया था।


सियासी घटनाक्रम के बीच बनाए गए ये जिले


मैहर:  भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं कि मैहर (सतना) को जिला बनाया जाए। सियासी घटनाक्रम के बीच वे 4 से 5 बार मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। इससे पहले भी वे सीएए को लेकर अपनी पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नजर आए थे। वे खुले मंच से कह चुके हैं कि जो उनके क्षेत्र के विकास की बात करेगा, वे उसके साथ रहेंगे।


चाचौड़ा : दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी चाचौड़ा (गुना) को लंबे समय से जिला बनाने की मांग कर रहे थे। वे भी कई बार अपनी ही सरकार को इस मुद़्दे को लेकर घेर चुके हैं। 


नागदा : नागदा (उज्जैन) से विधायक दिलीप सिंह गुर्जर भी जिला बनाने की मांग कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो 4 बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने से भी दिलीप सरकार से नाराज हैं।


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