महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी भीड द्वारा 2 संतों की बर्बरता से हत्या ! जाने आखिर क्या हुआ
महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी भीड द्वारा 2 संतों की बर्बरता से हत्या ! जाने आखिर क्या हुआ


खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें
 : 98932 21036
TOC
 NEWS @ www.tocnews.org


मुम्बई के पास पालघर के कासा थाना क्षेत्र में 100 से ज्यादा लोगों ने दो हिन्दू संतो और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग करके हत्या कर दी...


गुरुवार रात जब यह घटना हुई तब पुलिस भी वहाँ मौजूद थी पर भीड़ को रोक नहीं पाई....तीनों मृतक की पहचान उत्तरी मुंबई के कांधीवली निवासी कल्पवृक्षागिरि महाराज, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े के रूप में हुई है... ये तीनों अपनी गाड़ी से किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने सूरत, गुजरात जा रहे थे....कहा जा रहा है चोरी के संशय में तीनों को पिट पिट कर मार डाला गया..!



महाराष्ट्र के पालघर के दहाणु तालुका के एक आदिवासी बहुल गडचिनचले गाँव में सैकड़ों लोगों की भीड़ द्वारा जूना अखाड़ें के दो संतों और उनके ड्राइवर की पुलिस के सामने ही बड़ी बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। घटना गुरुवार (अप्रैल 16, 2020) के देर रात की है। घटना की जानकारी होते ही संत समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है कि कैसे महाराष्ट्र पुलिस के सामने दो महात्माओं और उनके ड्राइवर की इस तरह से हत्या कर दी जाती है और पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है।


महाराष्ट्र के पालघर में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की



जूना अखाड़ा के 2 महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। दरअसल, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मंडी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल सोमनाथ के पास ब्रह्मलीन हो गए थे। दोनों संत महाराष्ट्र के कांदिवली ईस्ट के रहने वाले थे और मुंबई से गुजरात अपने गुरु की अंत्‍येष्टि में शामिल होने जा रहे थे।


गुरु के देहावसान के बाद अचानक से मिर्जापुर परिवार के कुछ सन्तों को वहाँ बुलाया गया था ताकि महात्मा जी की समाधि लगाई जा सके। जिनमें से उसी परंपरा के दो संत महंत कल्पवृक्ष गिरी जी महाराज और दूसरे महंत सुशील गिरी जी महाराष्ट्र से गुजरात के वेरावल के लिए रवाना हुए रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहाणु तहसील के गडचिनचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका।


ड्राइवर के साथ दोनों संतों को भी गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा गया और उन लोगों को पुलिस वालों ने, सड़क के बीच में ही बैठा दिया, कहा जा रहा है वहाँ गाँव के करीब 200 के आस पास लोग अचानक ही इकट्ठे हो गए। यह गाँव और इलाका आदिवासी बहुल है।


यह भी कहा जा रहा है कि जूना अखाड़े के उन दोनों सन्तों और ड्राइवर को, पुलिस वालों ने डर के कारण एक तरह से उन आदिवासियों के हवाले कर दिया और इस भीड़ ने, पुलिस वालों के सामने ही डंडे और पत्थरों से मार-मार कर दोनों सन्तों और ड्राइवर की बेरहमी से हत्या कर दी। अभी तक जो वीडियो फुटेज उपलब्ध हैं उसमें आप पुलिस वालों की मौजूदगी देख सकते हैं। मॉब लिंचिंग होता देख पुलिस खुद ही चिहुँक रही है। ऐसे में महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।











महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी भीड द्वारा 2 संतों की बर्बरता से हत्या ! जाने आखिर क्या हुआ

 


स्थानीय सूत्रों के अनुसार


कुछ लोकल मीडिया रिपोर्टों और स्थानीय सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि संतों की इस यात्रा के दौरान आदिवासी बहुल इस गाँव में पुलिस ने गाड़ी को रोका और साधुओं को सड़क पर बैठा कर पूछताछ करने लगी और इसी दौरान गाँव में संदिग्ध हालत में यह अफवाह उड़ा दी गई कि ये सब बच्चा चोर हैं l बस इतनी सी बात थी कि गाँव वाले इन संतों पर लाठी डंडे, भाले, फरसे लेकर टूट पड़े।


जब ‘धर्म विशेष’ बहुल आदिवासियों ने इन साधुओं को मारना शुरू किया तो महाराष्ट्र पुलिस वहाँ से भाग खड़ी हुई और साधुओं को मरता हुआ छोड़ दिया। बाद में खाना पूर्ति के लिए इन मरणासन्न साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। ये भी कहा जा रहा है की इस घटना को लूटपाट के उद्देश्य से भी अंजाम दिया गया। एक वीडियो फुटेज में भी भीड़ संतों की गाड़ी में चढ़ी और कुछ तलाशती नजर आ रही है।


पुलिस और ग्रामीणों की भूमिका संदिग्ध


जैसा कि आप वीडियो में भी देख सकते हैं कि जब भीड़ द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा जा रहा है तो न सिर्फ पुलिस वहाँ मौजूद है बल्कि एक वीडियो में तो खुद ही पुलिस संत कल्पवृक्ष गिरी महराज को पुलिस चौकी से बाहर लाते और फिर भीड़ के सामने यूँ ही असहाय हालत में छोड़ती नजर आ रही है। भीड़ को पीटते देख भी पुलिस की कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। अलबत्ता पुलिस वाला खुद ही बचता नजर आ रहा है। नहीं तो पुलिस की मौजूदगी में कम से कम संतों की इस तरह से बर्बर हत्या नहीं हुई होती।


महाराष्ट्र में संतों के हत्यारों को गिरफतार करने की अखाडा परिषद की मांग


महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाडे के दो साधुओं की निर्मम हत्या किए जाने की अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को कडे शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफतारी नहीं की गयी तो महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन किया जाएगा । प्रयागराज में प्रवास कर रहे अखाडा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रहमलीन संत को समाधि देने जाते साधु —संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर दो साधुओं की कथित हत्या कर दी थी । उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाडा परिषद ने अपना विरोध जता दिया है और आरोपियों की गिरफतारी की मांग की है ।


महंत गिरी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाडा परिषद हरिद्वार में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी । उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार ने हत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाडे बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदालन का शंखनाद करेंगे। उन्होंने भक्तों से लॉकडाउन में बह्रमलीन हुए किसी साधु को समाधि देने जाते समय सीमित संख्या में ही जाने की अपील की है ।