संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज जी से अपील, पत्रकारों की समस्याओं पर भी ध्यान दें
संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज जी से अपील, पत्रकारों की समस्याओं पर भी ध्यान दें

 


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भोपाल // विजया  पाठक





वरिष्ठ पत्रकार विजया पाठक



भोपाल। कोरोनावायरस से सभी वर्गों के साथ-साथ पत्रकारिता पेशे से जुड़े पत्रकार भी आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं l मीडिया संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को भी बड़ी संख्या में कार्यालय से छुट्टी देकर घर पर बैठा दिया है l वहीं कुछ पत्रकार साथी अपनी जान की परवाह किए बिना संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर पल-पल की खबरें आम जनों तक पहुंचा रहे हैं l


ये पत्रकार साथी समाज का आईना बनकर सरकार के निर्देशों का पालन मानवीय कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं l अब हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपेक्षा है कि वह समाज के अन्य वर्गों कि तरह  पत्रकारों की आर्थिक सहायता के लिए कुछ कदम उठाएं हम देख रहे हैं कि शिवराज सिंह जी अपनी छवि के अनुसार संवेदनशीलता से पिछले 1 सप्ताह से कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाली स्थितियों से निपट रहे हैं और परिस्थितियों का जायजा ले रहे हैं l आवश्यक दिशा-निर्देश कर रहे हैं साथ ही इस महामारी से परेशान लोगों की सहायता कर रहे हैं मजदूरों गरीबों को आर्थिक मदद प्रदान कर रहे हैं l


लेकिन अभी तक प्रदेश के मीडिया जगत में लगे साथियों को लेकर अभी तक कोई मदद का ऐलान नहीं किया गया है l आखिर यह वर्ग भी इस समय परेशान हो रहा है इनका परिवार भी कई परेशानियों से गुजर रहा है l प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कि स्थिति देखें तो पिछले पंद्रह महीने में कमलनाथ सरकार ने हालात ख़राब कर दी हैं l ऊपर से कोरोना वायरस ने भी इन्हें तोड़ कर रख दिया है मुख्यमंत्री  शिवराज जी पत्रकार साथियों की समस्याओं से अवगत होकर उनके कल्याण के लिए भी पहल करें l एक पत्रकार होने  के नाते  आप से विनम्र अपील है कि पत्रकार इस समय बड़े नाजुक दौर से गुजर रहे हैं l


पहले भी ऐसे कई अवसर आए हैं जब अपने पत्रकारों के कल्याण के लिए काम किए हैं वर्तमान समय में अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकार परेशान है आपसे अपेक्षा है कि सभी की पीड़ा को देखते हुए प्रभावी कदम उठाएंगे, सब जानते हैं कि पत्रकार कोरोना वायरस के खौफ के माहौल में भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं जहां देश की जनता अपने आप को घरों में सुरक्षित रखे हुए हैं वहीं पत्रकार  अपना मोर्चा संभाले हुए हैं l लोगों के बीच जा जाकर उनकी परेशानी तथा समस्याओं को मीडिया के माध्यम से शासन प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं l


इतना ही नहीं कुछ पत्रकार साथी कोरोना  से पीड़ितों की मदद कर रहे हैं l उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रहे हैं तो कुछ साथी जरूरतमंदों को खाने के पैकेट उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं l आज आलम यह हैं कि वह अपनी खुद की समस्या को छोड़ कर स्वयं संकट से जूझ रहे हैं l देश प्रदेश और शहर में अपने फर्ज को अंजाम दे रहे हैं l मीडिया कर्मियों की त्रासदी इतनी भर नहीं है पिछले सवा साल से पत्रकार इतने परेशान हुए हैं कि उनकी रोजी-रोटी तक छीन ली गई l मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग ने बड़े मीडिया संस्थानों को छोड़कर किसी को भी विज्ञापन नहीं मिले हैं l यहां तक कि साप्ताहिक और मासिक समाचार पत्रिकाओं  को जो 5000 रु मिलते थे वह भी बंद कर दिए गए हैं l और जिनको मिला है उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ l


प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा बर्ताव किया गया मध्य प्रदेश से लगभग 8000 समाचार पत्र पत्रिकाएे पंजीकृत हैं और इनमें से लगभग 1500 दैनिक  समाचार पत्र है बाकि साप्ताहिक मासिक हैं l हम कल्पना कर सकते हैं कि इतने परिवारों पर तो संकट है ही इसके अलावा और गैर अधिमान्य पत्रकार अलग है शिवराज जी आप के कार्यकाल में तो ऐसा नहीं हुआ था l अब आप से उम्मीद की जा सकती है कि आप हजारों लोगों की उम्मीदों को फिर से जगा पाएंगे एवं म. प्र. में चौथे स्तंभ के प्रहरीयों को  उनका  हक़ प्रदान  करेंगे l