मास्क बनाकर हीरामोती भी बनी कोरोना वॉरियर, लोगों की मदद के जज्बे के बीच दिव्यांगता को नहीं आने दिया आड़े
मास्क बनाकर हीरामोती भी बनी कोरोना वॉरियर, लोगों की मदद के जज्बे के बीच दिव्यांगता को नहीं आने दिया आड़े

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 



जिले में स्व-सहायता समूहों ने 78 हजार 138 मास्क विक्रय कर अर्जित किए 11 लाख 72 हजार रुपए



रायगढ़, कोरोना को हराने के लिए सभी योगदान दे रहे हैं। ऐसे मे मुझे भी लगा की मैं इस मुश्किल समय में अपने समाज अपने देश के लोगों के मदद के लिए कुछ करूं। मुझे सिलाई का काम आता है तो मैंने मास्क बनाने शुरू कर दिए। अब तक लगभग 450-500 मास्क बनाकर अपने और आसपास के गाँव में कम दामों पर विक्रय किए है, साथ ही जरूरतमंदों को बंटवा भी दिए हैं।


रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के अंतर्गत कापू के पास एक छोटे से गाँव बांझीआमा की निवासी हीरामोती नागवंशी जब यह बात बताती हैं तो उनके चेहरे पर उभरती मुस्कान एक जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक की भूमिका निभाने में मिल रहे संतोष को बताने के लिए काफी है। उनका यह योगदान समाज के लिए इसलिए और खास हो जाता है क्योंकि हीरामोती दोनों पैर से दिव्यांग हैं और उन्होंने यह सारे मास्क हाथ से चलने वाले सिलाई मशीन से बनाये हैं।


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कोरोना संक्रमण से बचाव की दृष्टि से मास्क बहुत मत्वपूर्ण हैं। शासन ने आदेश जारी कर घर से निकलते समय सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। बाजार में मास्क की कमी और कीमतों में उछाल की खबरे जब आने लगी तो बिहान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने आगे आकर कमान संभाली। लोगों तक मास्क की पहुंच आसान हो इसके लिए किफायती और री-युजेबल मास्क बनाना प्रारम्भ कर दिया। हीरामोती ने भी स्व-सहायता समूह के साथ जुड़कर इस कठिन समय में मास्क बनाकर लोगों में उसे वितरित किया है।


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आठवी कक्षा तक पढ़ी हीरामोती एक संयुक्त परिवार में रहती है। किन्तु अपनी दिव्यांगता को उन्होंने कभी अपनी आत्मनिर्भरता की राह का रोड़ा नहीं बनने दिया। वह सिलाई बुनाई का काम कर अपनी आजीविका चलाती हैं। इसके साथ ही वह अपने गांव में लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताकर जागरूक कर रही है व नियमित हाथ धोने तथा स्वच्छता बनाये रखने जैसे जीवनोपयोगी नुस्खो का प्रचार भी कर रही है।


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ज्ञात हो कि रायगढ़ जिले के 9 विकासखण्डों में 119 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पिछले लगभग सवा महीने में कुल 78 हजार 138 मास्क विक्रय कर 11 लाख 72 हजार 70 रुपए की आय अर्जित की है। मास्क निर्माण लोक स्वास्थ्य की रक्षा के साथ स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार का माध्यम भी बना है। इस कार्य को करने के लिए बिहान के सौजन्य से तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ है।


आम लोगों के अलावा विभिन्न शासकीय विभागों ने स्व-सहायता समूहों से मास्क क्रय किया। जिनमें ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, वन विभाग, महिला बाल विकास विभाग, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग आदि शामिल है।