बीजेपी सरकार में बड़े चावल घोटाले की जाँच करेगा E. O. W, जिला प्रबंधक सस्पेंड, एफआईआर दर्ज
बीजेपी सरकार में बड़े चावल घोटाले की जाँच करेगा E. O. W, जिला प्रबंधक सस्पेंड, एफआईआर दर्ज

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भोपाल  // विक्टर दास



केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को एक पत्र लिखकर बताया था कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी राशन दुकानों से वितरित चावल इंसानों के खाने योग्य नहीं था. वह पोल्ट्री ग्रेड का चावल था.



भोपाल. मध्य प्रदेश में चावल घोटाले का खुलासा होने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है. ईओडब्ल्यू की स्पेशल टीम अब मामले की जांच कर रही है.


ईओडब्ल्यू डीजी राजीव टंडन ने बताया कि ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच कर रही है. प्राथमिक जांच दर्ज की गई है. जांच चल रही है.हीं था. वह पोल्ट्री ग्रेड का चावल था.


जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. हमारे अधिकारी हर स्तर पर जांच कर रहे हैं. संबंधित विभागों से मामले की जानकारी को दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं. एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी चल रही है.


ऐसे हुआ था खुलासा


प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में राशन दुकानों से बांटा गया चावल घटिया क्वॉलिटी का था. केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को एक पत्र लिखकर बताया था कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी राशन दुकानों से वितरित चावल इंसानों के खाने योग्य नहीं था. वह पोल्ट्री ग्रेड का चावल था. जो इंसानों को पीडीएस के तहत बांटा गया.


लैब में कराई थी जांच


केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया था कि 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच में चावल के 32 सैंपल लिए गए थे. इसमें कुछ सैंपल वेयरहाउस और कुछ राशन दुकानों से लिए गए थे. इन्‍हें दिल्ली की सीजीएएल लैब में जांच के लिए भेजा गया था. लैब की रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी सैंपल इंसानों के उपभोग करने योग्य नहीं थे, जो चावल सप्लाई की गई, वह पोल्ट्री ग्रेड का था. केंद्र की रिपोर्ट के खुलासे के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है.


जिम्मेदारों पर हुई कार्रवाई


कोरोना महामारी के बीच बालाघाट और मंडला जिले में सरकारी राशन की दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड का चावल बांटे जाने का मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद बुधवार को जिम्मेदार क्वॉलिटी कंट्रोलर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और जिला प्रबंधक को सस्पेंड कर दिया गया है. मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.


कांग्रेस ने साधा निशाना


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पोल्ट्री ग्रेड का चावल लोगों को बांटे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. नाथ ने ट्वीट कर कहा था कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिस चावल का वितरण किया गया, वह मनुष्यों के खाने के लायक नहीं था. यह इंसानियत व मानवता को तार-तार करने वाला होकर एक आपराधिक कृत्य है. इस मामले में जो भी दोषी है उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए.